*सुन्नी/शिया धर्म गुरुओं व तालिबे इल्मों ने सरकार से कैब कानून वापस लेने की मांग की।* =

*सुन्नी/शिया धर्म गुरुओं व तालिबे इल्मों ने सरकार से कैब कानून वापस लेने की मांग की।*
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कानपुर आज दिनांक 15 दिसंबर नागरिकता संशोधन काले कानून एवं राष्ट्रीय नागरिता रजिस्टर को लागू करने के विरोध में क्रांति चौराहा के डी ए, जाजमऊ मे सुन्नी व शिया धर्म गुरुओं की कायादत मे तालिबे इल्मों ने प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इज़हार किया, सैकड़ो की तादात मे तालिबे इल्म चौराहा पर जमा थे उनमे इस काले कानून के खिलाफ गम और गुस्सा था।


उलेमाओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार से इस मज़हब को बांटने वाले देश मे एक और बंटवारे की कोशिश वाले कानून को जल्द से जल्द वापस लेने को कहा हिंदुस्तान को जलने से बचाना है तो कानून को वापस लेना होगा। तालिबे इल्म हाथों मे तख्तियां लिए थे जिसमे कानून को वापस लेने व कानून के खिलाफ स्लोगन लिखी थी छात्रों ने इंकलाब जिंदाबाद एनआरसी गो बैक सीएबी गो बैक आदि नारे लगाए गए।


मोहम्मदी यूथ ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड ने कहा कि गाँधी-अम्बेडकर, भगत-अशफाक, पटेल-कलाम के देश को गोड़वारकर-सावरकर का देश में बनाकर देश के कई टुकड़े कराने के उद्देश्य से नागरिकता संशोधन बिल बनाकर सरकार उनके रास्ते पर चल देश के 20 करोड़ मुसलमानों में डर का वातावरण पैदा करना चाहते लेकिन हिंद का मुसलमान जब गोरो से नही डरा तो अंग्रेजों के मुकबरों से कैसा डर सरकार को जल्द से जल्द कैब कानून को वापस लेना चाहिए।


प्रोग्राम की कयादत काजी ए शहर मौलाना मोहम्मद आलम रज़ा खाँ नूरी ने की मुख्य रूप से जाजमऊ ईदगाह के इमाम मुफ्ती हसीब अख्तर शाहिदी  शिया धर्मगुरु मौलाना अब्दुल हामिद रिज़वी, मौलाना गुलाम कादिर, इखलाक अहमद डेविड, सैय्यद मोहम्मद अकमल अशरफी, इस्लाम खान आजाद, महबूब आलम खान, कारी अब्दुल मुततलिब हाफिज दानिश, इस्लाम खान चिश्ती, मौलाना सैय्यद अकमल, खालिद हुसैन अब्बासी, आबिद रिजवी, मोहम्मद सरताज, मोहम्मद अल्ताफ, मोहम्मद अशरफ, अनीस अहमद एवं तालिबे इल्म सैकड़ो की तादात में लड़के-लड़कियां मौजूद थे।


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