कानपुर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं यौगिक प्राणायाम  -स्मिता वर्मा

 


रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं यौगिक प्राणायाम  -स्मिता वर्मा


बिल्हौर   दैनिक वरदान   फहीम रज़ा  की रिपोर्ट तहसील क्षेत्र के  देवहा सराय स्थित योग वैनेल्स सेंटर  में  तैनात योग प्रशिक्षक स्मिता वर्मा ने बताया पूरे देश में चल रही कारोना वायरस जैसी भंयकर बीमारी चलते पूरे देश में माहमरी जैसे माहौल बना हुआ है 


वहीं स्मिता वर्मा ने बताया पूरे देश भर में लाक डाउन लगा हुआ है जो कि एक वहीं  कारोना वायरस  जैसी बीमारी से बचने का इलाज है 


योग प्रशिक्षक स्मिता वर्मा ये भी बताती है कि सुबह उठ कर महिलाएं, पुरुष, वा बुज़ुर्ग  अगर योग प्राणायाम करते है  उससे क्या क्या फायदे वा अर्थ भी बताया 
( कपालभाति प्राणायाम,भस्त्रिका प्राणायाम, अनुलोम- विलोम,  प्राणायाम, उज्जायी  प्राणायाम)को नियमित रूप से काना चाहिए 
प्राणायाम  का अर्थ  - प्राण + आयाम। इसका का शाब्दिक अर्थ है - 'प्राण (श्वसन) को लम्बा करना'  जीवनीशक्ति का विस्तार  करना'। ... प्राण या श्वास का आयाम या विस्तार ही प्राणायाम कहलाता है।  


 (1) कपालभाति  क्रिया या प्राणायाम की विधि -  किसी भी ध्यानात्मक आसन में बैठ जाएं जैसे सुखासन वज्रासन अर्ध पद्मासन , कमर गर्दन को सीधा रखें,अपने हाथों की स्थिति को ज्ञान मुद्रा में रखें और अपने शरीर को शिथिल हो जाने दें ,अपने पेट को भीतर खीचते हुए अपनी दोनों नासिका से श्वास को तेजी से निरन्तरता के साथ बाहर निकाले, इस अभ्यास को आप अपनी क्षमता के अनुसार कर सकते हैं।  कम से कम 3 से 5 बार  इसी तरह से दोहराएं ।


 सावधानी - हाई बी.पी,  अल्सर, हर्निया, बेचैनी,  उल्टी आना, मासिक धर्म, गर्भावस्था इन सभी दोषों वाले व्यक्ति को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए ।


 लाभ - डायबिटीज, मोटापा गैस कब्ज स्टमक पेनक्रियाज लिवर किडनी में लाभदायक है । फेफड़ो की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है ।


 (2) भस्त्रिका प्राणायाम की विधि  - किसी भी ध्यानात्मक आसन में बैठ जाएं ,कमर गर्दन को सीधा करें,  अपने हाथों की स्थिति को ज्ञान मुद्रा में रखें आंखों को कोमलता से बंद करें और अपने शरीर को शिथिल हो जाने दें , शारीरिक क्षमता के अनुसार 10 से 15 बार दोनों नथनों  से श्वास  को फेफड़ो में भरें  और छोड़ें। उपरान्त दोनों नथनों के माध्यम से धीमी और गहरी स्वांस लें । यथा संम्भव स्वांस को रोक कर रखें। फिर धीरे धीरे नासिका के माध्यम  से  स्वांस को बाहर निकालें ।
 इस अभ्यास को कम से कम 3 से 5 बार तक दोहराए ।


 सावधानी - उच्च रक्तचाप, दमा  वाले व्यक्ति को तीव्र गति से इसका अभ्यास न करें, । मासिक धर्म,  गर्भावस्था,  अल्सर, हर्निया,  बेचैनी, उल्टी आना, इन सभी  व्यक्तियों को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।


लभा - फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और सर्दी- जुखाम,  एलर्जी,  स्वसन रोग,  दमा,  साइनस, तथा कफ जैसी समस्याओं  में मदद करता है। 


 (3) अनुलोम- विलोम प्राणायाम की विधि- किसी भी ध्यानात्मक आसन में बैठ जाएं, कमर को सीधा रखें  आंखों को कोमलता पूर्वक बंद करलें शरीर को शिथिल हो जानें दें,  अपनी दाईं नासिका को बंद करलें और उसके पश्चात बाएं नासिका से श्वास को अंदर खींच तत्पश्चात बाईं  नासिका को बंद करलें, और दाईं नासिका से श्वास को बाहर निकाले,दाई नासिका से  श्वास को अंदर ले तत्पश्चात दाई नासिका को बंद करलें ,  और अपनी बाईं नासिका से श्वास को बाहर निकाल दें , इस प्राणायाम का अभ्यास सदैव बाईं नासिका से प्रारंभ करना उचित है। आप 
इसका अभ्यास 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं । 


सावधानी-  अभ्यास करते समय आपका पूरा ध्यान मस्तिष्क के मध्य में अथवा आती जाती स्वांस पर रहे । बहुत धीरे धीरे समान लय पूर्वक स्वांस लें और बाहर निकालें ।


लाभ - फेफड़े शक्तिशाली बनाता है, सर्दी ,जुकाम ,दमा में लाभकारी है, गठिया के लिए उपयुक्त है , इसके अतिरिक्त तनाव को कम करने में , सम्पूर्ण शरीर में ऑक्सीजन की कमी को दूर करता है । 


(4) उज्जायी  प्राणायाम की विधि - किसी भी ध्यानात्मक आसन में बैठ जाएं कमर गर्दन सीधी रखें हांथों  की स्थिति को ज्ञान मुद्रा में रखें,  अपने गले को सिकोड़ते हुए श्वास को अंदर ले अथवा गले से घर्षण करते हुए श्वास को अंदर ले गले से आवाज निकालें । इस अभ्यास 10 बार तक दोहरा सकते हैं ।


 सावधानी- इस प्राणायाम को करते समय कंठ के  अंदर खुजलाहट एवं खांसी हो सकती है, बलगम निकल सकता है, लेकिन यदि इससे अधिक कोई समस्या हो तो इस प्राणायाम को न करें.


 लाभ - शरीर के तापमान को नियंत्रण करता है ,  तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ बनाता है,  अनिद्रा को दूर करने में सहायक है , हाई बी पी मे लाभ करता है, टॉन्सिल, थारॉइड, के लिए उपयोगी है ।  


 यौगिक प्राणायाम का विधि पूर्वक निरन्तरता के साथ , अभ्यास करके आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते है ।  


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